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पेट की चर्बी कम करें योगा से – Yoga to lose belly fat in Hindi

पेट की चर्बी कम करें योगा से – Yoga to lose belly fat in Hindi

pet kam karne ka yoga

योगा एक ऐसी कला है जिसके जरिए शरीर और मन दोनों ही चु्स्त-दुरुस्त रहते हैं, और इसके एक नहीं बल्कि कई अनगिनत फायदे भी है | नियमित योगा करने वाले व्यक्ति न स्वस्थ्य रहते है बल्कि उन में कई बीमारियों का खतरा भी बहुत हद तक कम हो जाता है | यह स्वस्थ जीवन शैली और बेहतर जीवन जीने में हमारी काफी मदद करता है | अगर आप तेजी से पेट की चर्बी कम करना चाहते हैं तो पेट की चर्बी कम करें योगा से क्योकि योगा से बेहतर और कुछ नहीं हो सकता है |

योगा के साथ ही पेट की चर्बी कम करने के साथ साथ आपको भोजन में भी बदलाव लाना पड़ेगा | तेजी से मोटापा कम करने और पेट पर जमी चर्बी को घटाने के लिए आपको संतुलित आहार लेने की जरूरी होती है | मोटापे का सबसे ज्यादा असर हमारे पेट, जांघ और हिप्स ही पड़ता है। एक बार पेट बढ़ जाने के बाद इसे कम करना बहुत मुश्किल हो जाता है। बढ़े हुए पेट से निजाद पाने के लिए लोग अनेकों उपाय करते हैं, लेकिन योग से भी बढ़े हुए पेट को कम किया जा सकता है । मोटापा कम करने के लिए बेस्ट योगा कौन -कौन से है, जिसके द्वारा हम अपने शरीर के वजन कम कर सकते हैं, चलिए इनके बारे में बात करते है –


पेट की चर्बी कम करने के कुछ महत्वपूर्ण योगासन- Yoga to reduce belly fat in Hindi

वैसे तो पेट की चर्बी कम करने के लिए महत्वपूर्ण योगासन तो कई है, लेकिन नीचे दिए गए योगासन सबसे बेहतर भी है और इन से आपको बहुत जल्दी परिणाम देखने को भी मिलेंगे –

1. सूर्य नमस्कार – Surya Namaskar in Hindi

सूर्य नमस्कार आसन शरीर को सही आकर देने और पेट की चर्बी कम करने का उत्तम तरीका है। सूर्य नमस्कार 12 शक्तिशाली योग आसनो का एक क्रम पूर्णय सह्योग है। इससे पूरे शरीर में ऑक्सीजन का संचार होता है और रक्तप्रभाव सही से होने लगता है । सूर्य नमस्कार नियमित करने से ब्लड प्रेशर भी कम होता है । सूर्य नमस्कार करने से कई रोगो से छुटकारा मिलता है। आमतौर पर इसका अभ्यास सुबह खाली पेट किया जाता है, सुबह के समय खुली जगह पर इसे करे जहाँ आपको ताज़ा हवा मिले । आइये इन 12 मुद्राए के बारे में जाने –

सूर्य नमस्कार करने का तरीका –

प्रणाम आसन – सूरज की तरफ चेहरा करके सीधे खड़े हो और अपने दोनों पैरो को जोड़कर पूरा वजन दोनों पैरो पर सामान रूप से डाले और कमर सीधी रखे । अब दोनों हाथो को बगल से ऊपर उठाए और दोनों हथेलियों को जोड़ते हुए छाती के सामने प्रणाम अवस्था में आये ।

हस्तोत्तानासन – पहली अवस्था में ही खड़े होकर अपने हाथो को ऊपर उठाए और पीछे ले जाए और कमर को पीछे की तरफ झुकाए ।

पादहस्तासन – अब धीरे धीरे सांस छोड़ते हुए आगे की तरफ झुके और अब पूरी तरह सांस छोड़ते हुए दोनों हाथो के पंजो के समीप ले जाये ।

अश्व संचलनसाना – अब अपने दाएं घुटने को मोड़ ले। और सीधे पैर को पीछे की तरफ ज़मीन से मिलना चाहिए और अब हथेलियों को ज़मीन पर रखे सर से ऊपर की तरफ देखे ।    

दंडासन –  सांस लेते हुए दोनों हाथो और सम्पूर्ण शरीर को सीधी लाइन में रखे 

अष्टांग नमस्कार – अब सांस लेते हुए अपनी हथेलियों, सीने,घुटनो और पैरो को ज़मीन से मिलाएं । और अपने कूल्हों को थोड़ा उठा कर ही रखे ।

भुजंग आसन – अब हथेलियों और पेट को ज़मीन से मिलाते हुए सिर को पीछे की तरफ ले जाये ।


अथोमुख स्वानासन – अब आप सांस छोड़ते हुए कूल्हों को ऊपर उठाएं और छाती को नीचे झुकाकर उल्टे वी की पोज़िशन बना ले ।

अश्व संचलनसाना – सांस ले और सीधे पैर को दोनों हाथो के बीच ले जाएं । अब दूसरे पैर को ज़मीन पर रख सकते है । सिर को आसमान की ओर रखें ।

पादहस्तासन – अब सांस छोड़े और दोनों पैरो को आगे की तरफ ले जाएं और सिर को घुटनो से मिलाएं ।

हस्तोत्तानासन – अब सीधे खड़े हो जाये और अपने हाथों और सिर को पीछे की तरफ ले जाएं ।

प्रणाम आसन – अब सांस छोड़ते हुए सबसे पहले वाली अवस्था में आ जाएं ।

सूर्य नमस्कार करने के फायदे –

  • इस आसन के अभ्यास से पेट के आसपास जमी वसा को कम किया जा सकता है |
  • भूख बढ़ती है और कब्ज की समस्‍या दूर होती है |
  •  शारीरिक और मानसिक मजबूती बढ़ाता है ।
  • सूर्य नमस्कार करने से शरीर में हो रहे दर्द से छुटकारा पाया जा सकता है ।
  • इस से पाचन तंत्र भी ठीक रहता है।

2. ताड़ासन – Tadasana in Hindi

ताड़ासन आसन करने से हमारा मन और मस्तिक सही रहता है | इसे नियमित रूप के करने से आपकी लम्बाई आसानी से बढ़ सकती है और पैरों में मजबूती आती है साथ ही पंजे मजबूत होते है। इस आसन को करने से पेट और छाती पर खिचाव पड़ता है जिससे सारे रोग दूर हो जाते है और पेट की चर्बी को भी कम करता है। ताड़ासन करने का सबसे सही समय सुबह का होता है | ताड़ासन को सुबह करने से बहुत फायदे मिलते है और अगर सुबह समय नहीं है तो आप इसे किसी भी समय कर सकते है बस खाना खाने के तुरंत बाद न करे।

ताड़ासन करने का तरीका –

  • सबसे पहले चटाई पर सीधे खड़े होकर अपने दोनों पैरों में फासला बना ले और हाथो को कमर पर रखें।
  • इस पोज़िशन में आपको दोनों पैरों का वजन शरीर पर सामान रूप में पड़ना चाहिए और हाथों को धीरे धीरे कंधो पर ले जाए।
  • अब दोनों हथेलियों की उंगलियों को मिलाकर सिर पर रखें फिर सांस भरते हुए अपने दोनों हाथों को ऊपर की ओर खींचें आपके कंधे और छाती मैं खिंचाव आना चाहिए।
  • साथ ही साथ पैरों की एड़ी को भी ऊपर उठाएं और पंजो  हाथो के पंजो को फिंगर लॉक लगाकर ऊपर की ओर मोड़ दे।
  • अब गर्दन सीधी रखें और हथेलिया आसमान की ओर होनी चाहिए।
  • अब कुछ  देर इस अवस्था में रुके फिर सांस छोड़ते हुए हाथों को वापस सिर के ऊपर ले जाएं और दोनों हाथों को कमर पर ले जाएं। अब आप सबसे पहले वाली अवस्था में  जाएंगे

ताड़ासन योग के फायदे –

  • ताड़ासन हमारी लंबाई बढ़ाने का सबसे अच्छा आसान है और साथ ही साथ ये हमारी शरीर की हड्डियों और मांसपेशियों में खिचाव लाता है जिससे हमारी लम्बाई बढ़ने लगती है ।
  • जंघा, पिंडलियाँ और पंजे मजबूत होते हैं |
  • अगर इस आसान को सही से किया जाये तो बहुत हद तक पेट की चर्बी को कम किया जा सकता है। पेट की चर्बी ही नहीं यह हमारे शरीर की अनावश्यक वसा को कम करने में महत्वपूर्ण रोल निभाता है |
  •  शारीरिक थकावट दूर करता है |
  • पैरों की अंगुलियों को भी मजबूत बनाते हैं।
  • एकाग्रता और संतुलन के लिए भी बहुत फायदेमंद है |

3. धनुरासन – Dhanurasana in Hindi

धनुरासन का अर्थ होता है धनुष के समान । धनुर और आसन शब्दों के मिलने से धनुरासन बनता है । लेट के किये जाने वाले आसनों में यह आसन काफी महत्वपूर्ण आसन होता है और पेट की चर्बी कम करने वाले आसनों में भी इसकी गिनती होती है| धनुरासन करने से वजन तो घटता ही है साथ में यह पीठ के निचले हिस्से को मजबूत करता है और रीढ़ को अधिक लचीला बनाने के साथ ही शरीर के कई हिस्सों को स्वस्थ रखता है ।

धनुरासन करने का तरीका –


  • सबसे पहले चटाई बिछा के पेट के बल लेट जाएं, और हाथों को बगल में ढीला छोड़ दें |
  • घुटनों को मोड़कर हाथों से टखनों को टाइट से पकड़ लें ।
  • दोनों पैरों के बीच फासला रखे और दोनों हाथो से पैरों को खींचे |
  • अब सांस लेते हुए अपने सिर, छाती व जांघ को ऊपर की ओर उठाएं ।
  • इस धनुषाकार पोज को करते समय सांस लेने और छोड़ने पर अधिक ध्यान दें ।
  • जब प्रारंभिक अवस्था में वापस आना हो, तो लंबी गहरी सांस छोड़ते हुए नीचे आएं ।
  • श्वास को बाहर छोड़ते हुए, दोनों हाथो को छोड़कर सामान्य अवस्था में आ जाए ।
  • इसप्रकार इस आसन को 8-10 बार नियमित रूप से करे ।

धनुरासन करने के फायदे –

  • यह आसन मोटापा दूर क़र पाचन क्षमता को बढाता है |
  • पेट की चर्बी कम करने में कारगर है |
  • इस आसन को करने से छाती चौड़ी होती है |
  • भूजाओं और जांघ की मांसपेशियां को मज़बूत बनाता है |
  • खून को साफ करने में मददगार होता है |
  • गुर्दा को स्वस्थ रखता है |
  • धनुरासन का अभ्यास हाथ ,कंधे और पैरों को मजबूती देता है |
  • यह स्त्री रोग के लिए अत्यंत लाभकारी है इसे रोजाना करने से ये मासिक धर्म में होने वाले रोगों से दूर रखता है |

4. कपालभाती – Kapalbhati in Hindi

कपालभाती संस्कृत भाषा से लिए गया शब्द है जिसमें “कपाल” का अर्थ होता है माथा और “भाती” का अर्थ होता है प्रकाश। कपालभाती को नियमित रूप के  करने से माथे और चहरे पर चमक आती है। कपालभाति प्राणायाम को नियमित करने से व्यक्ति की मानसिक और शारीरिक परेशानियां दूर होती है | कपालभाति एक आसान योग है और कुछ दिन के लगातार अभ्यास से ये और आसान हो जाता है। इसे करने के बाद व्यक्ति को बहुत शांति महसूस होती है |

इसे करना बहुत ही आसान होता है और हर व्यक्ति इसे बैठकर कर सकता है। योगा से पूरी दिनचर्या अच्छे से गुजरती है और सिर्फ कपालभाती ही ऐसा प्राणायाम है जो शरीर और मन दोनों को शुद्ध कर सकता है।

कपालभाति करने का तरीका –

  • सबसे पहले खुली हवा में चटाई बिछाकर बैठ जाये और शरीर को ढीला छोड़ दे |
  • अब अपनी आंखें बंद कर लें।
  • अब अपनी दोनों हाथो की हथेलियों को दोनों घुटनो पर रखे |
  • गहरी सांस खींचे और फिर पूरे दबाव के साथ सांसों को छोड़ें | दबाव सिर्फ इतना ही दें कि सांस छोड़ते समय आपका पेट भी अंदर की तरफ चला जाए।
  • अब सांस को अंदर लें याद रहे की वही संतुलन बना रहे संतुलन बिगाड़े नहीं | जब सांस छोड़ते हो तो आपके पेट की अतडियाँ नीचे चली जानी चाहिए और सांस लेते समय वे ऊपर आजानी चाहिये |
  • इस क्रिया को 20-25  बार करे |

कपालभाति करने के फायदे –

  • कपालभाति करने से चिंता दूर होती है |
  • कपालभाति रोजाना करने से रक्त संचार बढ़ता है |
  • कपालभाति करने से शरीर का मोटापा कम होता है और पेट अधिक चर्बी कम होती है |
  • इस आसन को रोजाना करने से पसीना बहुत आता है जिससे आपका शरीर स्वच्छ रहता है|
  • आँखों के नीचे कालापन और झुर्रियां दूर करने में मदद करता है।
  • एसिडिटी और गैस जैसी समस्या भी कम होती  है।
  • यह लिवर और किडनी के काम करने के फंक्शन को और बेहतर बनाता है |
  • इस प्रणायाम से थकान कम होती है और बॉडी में स्फूर्ति आती है

5. वीरभद्रासन – Virabhadrasan in Hindi

वीरभद्रासन योग को हम Warrior Pose के नाम से भी जाना जाता हैं। यह आसन हाथों, कंधो ,जांघो एवं कमर की मांसपेशियों को मज़बूत बनाता है | योग में कई प्रकार के आसन है जिनका प्रयोग शरीर के अलग अलग हिस्सों को कम के लिए किया जाता है, इन्ही में से एक है वीरभद्रासन, ये तीन प्रकार के होते है जिनमे से वीरभद्रासन का उपयोग जांघो को कम करने के लिए किया जाता है और पेट की चर्भी भी कम होती है |


वीरभद्रासन करने का तरीका –

  • इस योग को करने के लिए हमारे दोनों पैरों के बीच में दूरी होनी चाहिए और हमारा शरीर बिल्कुल सीधा होना चाहिए।
  • सबसे पहले एक पैर को आगे करे और दूसरे को पीछे रखे |
  • आगे के पैर को आगे की तरफ रखे और पीछे के पैर को स्ट्रेच करे |
  • अब  दोनों हाथो को नमस्कार करते हुए ऊपर की ओर स्ट्रेच करे |
  • अपने दोनों हाथों को ऊपर की तरफ उठाये और अपने कंधों के एक सीध में ले कर आये आपके दोनों हाथों को हथेलियां खुली होनी चाहिए।
  • अब एक हाथ पेरो की दिशा में आगे और दूसरा पीछे जायेगा |
  • अब आगे वाला पैर वापस अपनी जगह पर ले जाये और पीछे वाले पैर को हवा में उठा ले |
  • अब दोनों हाथो को नमस्कार की मुद्रा में आगे ले जाये |
  • कमर और गर्दन को भी हाथो की तरफ झुकाये |
  • इस स्थिति में आप 30 से 45 सेकंड तक अपने शरीर को रोक सकते हैं।
  • इसे आप 5-6 बार दौराहे |

वीरभद्रासन योग के फायदे –

  • हाथ, पैर और कमर को मजबूती देता है।
  • कंधो के तनाव में तुरंत मुक्त करता है। साहस, कृपा एवं शांति की वृद्धि करता है
  • यह शरीर को स्वस्थ और सुडौल बनाए रखने में मदद करता है।
  • यह योग आसन पैरों, कंधों और कमर के निचले हिस्से की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है।
  • इससे सहनशक्ति की कमी दूर होती है और अधिक ताक़त आती है ।
  • यह दिल को मजबूत बनाता है और हैमस्ट्रिंग और पेट की चर्बी को कम करता है।

इन सभी योगासन को नियमित रूप से करने आप अपनी पेट की चर्बी को बहुत कम समय के अंदर कम कर सकते है और साथ ही कई रोगो के खतरे को भी कम कर सकते है |

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